Karm Main... Moksh Bhi Main - Mahakali Anth Hi Aarambh Hai -Dialouge Lyrics
कर्म में
मोक्ष भी में
प्रकाश में
अंधकार भी में
मार्ग में
लक्ष्य भी में
मोह में
त्याग भी में
कण भी में
ब्रह्माण्ड भी में
अंत भी में
आरंभ भी में
गौरी में
काली में
महाकाली में
ॐ ह्रीं क्लीं हुं मातङ्ग्यै फट् स्वाहा II
क्रं क्रीं ह्रुं ह्रीं कालिकाय ॐ फट्॥
क्रं क्रीं ह्रुं ह्रीं कालिकाय ॐ फट्॥
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।
घोर स्वरूपा काली, भवानी भद्र काली I
चंड मुंड संघारी, रक्तबीज को मारी I
तू महा शक्तिशाली, केश्मुक्त बलशाली I
खप्पर वाली कपाली, त्रिनेत्र महाकाली II
ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं क्रीं क्रीं फट
काली काली महाकाली कालिके परमेश्वरी ।
सर्वानन्दकरी देवी नारायणि नमोऽस्तुते ।।